दिल्ली सरकार का क्लाउड-सीडिंग परीक्षण: जून 2025
| पहलू | विवरण | |---------------------------|-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना | दिल्ली का पहला क्लाउड-सीडिंग परीक्षण | | समयरेखा | जून 2025 तक अपेक्षित, DGCA की मंजूरी लंबित है | | उद्देश्य | उच्च प्रदूषण के दौरान कृत्रिम रूप से वर्षा कराने की संभावना का परीक्षण करना | | वित्तपोषण | कुल ₹3.21 करोड़; ₹55 लाख प्रति परीक्षण; ₹66 लाख लॉजिस्टिक्स के लिए | | परीक्षण स्थान | दिल्ली के बाहरी हिस्से, VIP/प्रतिबंधित हवाई क्षेत्रों से बचना | | उड़ान योजना | 5 उड़ानें, 100 वर्ग किलोमीटर को कवर करते हुए | | उड़ान आधार | हिंडन एयर बेस, गाजियाबाद (रक्षा मंत्रालय द्वारा स्वीकृत) | | प्रौद्योगिकी | क्लाउड सीडिंग एजेंट: सिल्वर आयोडाइड, पिसा हुआ रॉक साल्ट, आयोडाइज्ड साल्ट | | आदर्श बादल | निंबोस्ट्रेटस (Ns) बादल 500-6000 मीटर की ऊंचाई पर 50%+ नमी के साथ | | पर्यावरणीय प्रभाव | आईआईटी कानपुर वर्षा जल में सिल्वर आयोडाइड अवशेष की निगरानी करेगा | | अनुमोदन एजेंसियां | SPG, CPCB, पर्यावरण मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, गृह मंत्रालय, DGCA, AAI, BCAS, यूपी सरकार | | IMD की भूमिका | बादल घनत्व और नमी पर 6 घंटे का पूर्वानुमान प्रदान करना |